ग्वालियर। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान की प्रथम मुख्य प्रशासिका मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती (मम्मा) का 60वां पुण्य स्मृति दिवस आज मंगलवार को मनाया गया। इस मौके पर उनकी याद में ब्रह्ममुहूर्त से देर रात तक योग-तपस्या का दौर जारी रहा। वहीं सुबह 8 बजे से ब्रह्माकुमारीज के स्थानीय केंद्र प्रभु उपहार भवन माधौगंज एवं पुराना हाईकोर्ट लाईन स्थित संगम भवन केंद्र सहित ग्वालियर के अन्य सभी केन्द्रों पर पुष्पांजली कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिसमें स्थानीय केंद्र के सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों ने मम्मा के जीवन की विशेषताएं साझा करते हुए पुष्पांजली अर्पित की।
ग्वालियर। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान की प्रथम मुख्य प्रशासिका मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती (मम्मा) का 60वां पुण्य स्मृति दिवस आज मंगलवार को मनाया गया। इस मौके पर उनकी याद में ब्रह्ममुहूर्त से देर रात तक योग-तपस्या का दौर जारी रहा। वहीं सुबह 8 बजे से ब्रह्माकुमारीज के स्थानीय केंद्र प्रभु उपहार भवन माधौगंज एवं पुराना हाईकोर्ट लाईन स्थित संगम भवन केंद्र सहित ग्वालियर के अन्य सभी केन्द्रों पर पुष्पांजली कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिसमें स्थानीय केंद्र के सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों ने मम्मा के जीवन की विशेषताएं साझा करते हुए पुष्पांजली अर्पित की।
केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने बताया कि वर्ष 1919 में अमृतसर के साधारण परिवार में मम्मा का जन्म हुआ था। उनके बचपन का नाम ओम राधे था। जब आप ओम की ध्वनि का उच्चारण करती थीं तो पूरे वातावरण में गहन शांति छा जाती थी, इसलिए भी आप ओम राधे के नाम से लोकप्रिय हुईं। आप बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि और प्रतिभावान थीं। ब्रह्माकुमारीज संस्था के संस्थापक ब्रह्मा बाबा ने कोई भी ज्ञान की बात आपको कभी दोबारा नहीं सिखाई। आप एक बार जो बात सुन लेती थीं उसी समय से अपने कर्म में शामिल कर लेती थीं। 24 जून 1965 को आपने अपने नश्वर देह का त्याग करके संपूर्णता को प्राप्त किया था।